वर्ष 2004 में उर्दू विभाग की स्थापना की गयी थी। विभाग का मुख्य उद्देश्य उर्दू भाषा के साहित्य; सांस्कृतिक महत्व और उर्दू भाषा, साहित्य तथा संस्कृति की प्रासंगिकता के बारे में भारत और पूरे विष्व में जागरूकता लाना है। इसका प्रमुख उद्देश्य उर्दू भाषा को ज्ञान की भाषा और उर्दू साहित्य को मूल्यों का साहित्य के रूप् में प्रसारित करना है। ज्ञान के क्षेत्र में विकास हेतु अनुसंधान करना ही इसका लक्ष्य है। विभाग में एम.ए.उर्दू, एम.फिल, पीएचडी कार्यक्रम षामिल हैं, इसके साथ उर्दू सीखने के लिए प्रेरित करने हेतु पी.जी डिप्लोमा, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी उपलब्ध है।
विभाग के अनुसंधान क्षेत्र इस प्रकार हैं- आधुनिक साहित्य का अध्ययन दक्कनी भाशा और साहित्य, भाषा-विज्ञान, जनसंपर्क माध्यम; अनुवाद, सूचना प्रौद्योगिकी, आदि।
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